लोक सभा में आज दिन भर की कठिन चर्चा के बाद महिलाओं को संसद और राज्य सभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षिति प्रदान करने वाले ऐतिहासिक विधेयक Womens Reservation Bill को पारित किया गया। यह पहली बार है जब यह विधेयक निचले सदन में प्रस्तुत और पारित हुआ है।
- महिला आरक्षण विधेयक, जिसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम भी कहा जाता है, एक विधेयक है जो भारत की संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण प्रदान करता है।
- विधेयक को पहली बार 1996 में पेश किया गया था और इसे 2023 में संसद द्वारा पारित किया गया था।
- विधेयक के अनुसार, लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित होंगी।
- आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) के महिलाओं के लिए भी लागू होगा।
- विधेयक को पारित करने से सक्रिय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है।
#WATCH लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% सीटें देने वाला महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पारित हुआ।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 20, 2023
454 सांसदों ने बिल के पक्ष में और 2 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट किया। pic.twitter.com/ScJQETfgKH
Womens Reservation Bill|महिला आरक्षण विधेयक से संबंधित 20 तथ्य दिए गए हैं:
- महिला आरक्षण विधेयक का पहला संस्करण 1996 में पेश किया गया था।
- विधेयक को 1996, 1997, 1998, 2004, 2009, 2014, 2019 और 2023 में संसद में पेश किया गया था।
- विधेयक को पहली बार 2023 में संसद द्वारा पारित किया गया था।
- विधेयक के अनुसार, लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित होंगी।
- आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) के महिलाओं के लिए भी लागू होगा।
- विधेयक को पारित करने से सक्रिय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है।
- विधेयक को पारित करने के लिए, संसद ने संविधान के 108वें संशोधन को पारित किया।
- संशोधन ने संविधान में एक नई अनुसूची 9 जोड़ी, जिसमें महिलाओं के लिए आरक्षण के प्रावधान शामिल हैं।
- विधेयक को पारित करने के लिए, 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने संविधान के 108वें संशोधन को अपनी विधानसभाओं में पारित किया।
- विधेयक को पारित करने के लिए, राज्यसभा में 100 से अधिक मतों से समर्थन प्राप्त हुआ।
- विधेयक को पारित करने के लिए, लोकसभा में 300 से अधिक मतों से समर्थन प्राप्त हुआ।
- विधेयक को पारित करने के लिए, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 9 सितंबर, 2023 को हस्ताक्षर किए।
- विधेयक 10 सितंबर, 2023 को लागू हुआ।
- विधेयक के लागू होने से, लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित हो गई हैं।
- विधेयक के लागू होने से, सक्रिय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है।
- विधेयक को पारित करने से भारत को एक अधिक समावेशी और न्यायपूर्ण समाज बनाने में मदद मिलेगी।
- विधेयक को पारित करने के लिए, कई महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लंबे समय से अभियान चलाया था।
- विधेयक को पारित करने से भारत में महिलाओं के अधिकारों और सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
- विधेयक को पारित करने से भारत को एक अधिक लोकतांत्रिक और प्रतिनिधि समाज बनाने में मदद मिलेगी।
- विधेयक को पारित करने से भारत को एक अधिक न्यायपूर्ण और समान समाज बनाने में मदद मिलेगी।
विधेयक के पारित होने से भारत में महिलाओं के सशक्तीकरण और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
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