Makar Sankranti 2024 को दो अलग-अलग तिथियों और समयों पर मनाया जाएगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस पद्धति का पालन करते हैं:
हिंदू पंचांग के अनुसार:
- तिथि: 15 जनवरी 2024, सोमवार
- समय: सबसे पहले सूर्योदय (लगभग 07:10 सुबह)
दृक् पंचांग के अनुसार:
- तिथि: 14 जनवरी 2024, रविवार
- समय: संक्रांति का क्षण (लगभग 01:24 अपराह्न)
Makar Sankranti 2024 Date Time
यह अंतर गणना पद्धति में भिन्नता के कारण है। हिंदू पंचांग दिन की शुरुआत सूर्योदय को मानता है, जबकि दृक् पंचांग राशि परिवर्तन के सटीक समय को आधार मानता है।
इसलिए, आप इसे 15 जनवरी, 2024 को सुबह सूर्योदय के बाद या 14 जनवरी, 2024 को दोपहर के बाद से कभी भी मना सकते हैं। यह पूरी तरह से आपकी पसंद और परंपरा पर निर्भर करता है।
संक्रांति एक हिंदू त्योहार है जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के अवसर पर मनाया जाता है। यह भारत में सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है और इसे पूरे देश में विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे लोहड़ी (पंजाब), पोंगल (तमिलनाडु), उत्तरायण (गुजरात), उगाई (उत्तराखंड) और खिचड़ी (बिहार)।
मकर संक्रांति का अर्थ “मकर राशि में सूर्य का प्रवेश” है। यह हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ना शुरू कर देता है, जिसे उत्तरायण कहा जाता है। उत्तरायण को देवताओं के दिन के रूप में देखा जाता है और इसे नए जीवन, समृद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व
मकर संक्रांति हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह सूर्य देव की पूजा और आराधना का एक दिन है। हिंदू धर्म में, सूर्य देव को जीवन, प्रकाश और ऊर्जा का देवता माना जाता है। संक्रांति के दिन, लोग सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए पूजा करते हैं और उनसे समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली का आशीर्वाद मांगते हैं।
मकर संक्रांति का सामाजिक महत्व
संक्रांति एक सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण त्योहार भी है। यह परिवार और दोस्तों को एक साथ आने और एक-दूसरे के साथ खुशी मनाने का एक अवसर है। इस दिन, लोग आमतौर पर नए कपड़े पहनते हैं, पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं और एक-दूसरे को तिल और गुड़ का प्रसाद बांटते हैं।
मकर संक्रांति के कुछ लोकप्रिय रिवाज
संक्रांति के कुछ लोकप्रिय रिवाजों में शामिल हैं:
- सूर्य पूजा: इस दिन, लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं। वे सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं, फूल चढ़ाते हैं और प्रार्थना करते हैं।
- स्नान: इस दिन, लोग पवित्र नदियों या समुद्र में स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह स्नान उन्हें शुद्धता और नवीकरण प्रदान करता है।
- तिल और गुड़ का प्रसाद: मकर संक्रांति के दिन, लोग तिल और गुड़ का प्रसाद बांटते हैं। ऐसा माना जाता है कि तिल और गुड़ अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक हैं।
- पारंपरिक व्यंजन बनाना: मकर संक्रांति के दिन, लोग पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं, जैसे खिचड़ी, पोंगल, और पतंग।
मकर संक्रांति का भारत के लिए आर्थिक महत्व
संक्रांति भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक त्योहार भी है। इस दिन, लोग नए कपड़े, गहने और अन्य उपहार खरीदते हैं। यह त्योहार देश के कई उद्योगों, जैसे कपड़ा, गहने और पर्यटन को बढ़ावा देता है।
मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का जश्न मनाता है। यह एक धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण त्योहार है जो भारत के लोगों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मकर संक्रांति के उत्सवों का इतिहास
संक्रांति का उत्सव भारत में हजारों वर्षों से मनाया जा रहा है। इस त्योहार की उत्पत्ति वैदिक काल में हुई थी, जब सूर्य देव को जीवन, प्रकाश और ऊर्जा का देवता माना जाता था। मकर संक्रांति के दिन, सूर्य देव उत्तरायण में प्रवेश करते हैं, जिसे देवताओं के दिन के रूप में देखा जाता है। इस दिन को नए जीवन, समृद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
संक्रांति के उत्सवों का इतिहास भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग है। कुछ क्षेत्रों में, यह एक धार्मिक उत्सव है, जबकि अन्य क्षेत्रों में यह एक सामाजिक और आर्थिक उत्सव है।
धार्मिक उत्सव
धार्मिक रूप से, मकर संक्रांति सूर्य देव की पूजा और आराधना का एक दिन है। इस दिन, लोग सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए पूजा करते हैं और उनसे समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली का आशीर्वाद मांगते हैं।
सामाजिक और आर्थिक उत्सव
सामाजिक और आर्थिक रूप से, संक्रांति परिवार और दोस्तों को एक साथ आने और एक-दूसरे के साथ खुशी मनाने का एक अवसर है। इस दिन, लोग आमतौर पर नए कपड़े पहनते हैं, पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं और एक-दूसरे को तिल और गुड़ का प्रसाद बांटते हैं।
मकर संक्रांति के कुछ लोकप्रिय रिवाज
संक्रांति के कुछ लोकप्रिय रिवाजों में शामिल हैं:
- सूर्य पूजा: इस दिन, लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं। वे सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं, फूल चढ़ाते हैं और प्रार्थना करते हैं।
- स्नान: इस दिन, लोग पवित्र नदियों या समुद्र में स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह स्नान उन्हें शुद्धता और नवीकरण प्रदान करता है।
- तिल और गुड़ का प्रसाद: मकर संक्रांति के दिन, लोग तिल और गुड़ का प्रसाद बांटते हैं। ऐसा माना जाता है कि तिल और गुड़ अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक हैं।
- पारंपरिक व्यंजन बनाना: मकर संक्रांति के दिन, लोग पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं, जैसे खिचड़ी, पोंगल, और पतंग।
मकर संक्रांति के उत्सवों का भविष्य
संक्रांति भारत का एक महत्वपूर्ण त्योहार है और इसका भविष्य उज्ज्वल है। यह त्योहार भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मकर संक्रांति के परंपरागत खाद्य और परिवारिक रंग-बिरंगे उत्सव

संक्रांति भारत का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का जश्न मनाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन कुछ पारंपरिक खाद्य और परिवारिक उत्सव सभी जगहों पर आम हैं।
पारंपरिक खाद्य
मकर संक्रांति के दिन, लोग कई पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं। इन व्यंजनों में अक्सर तिल और गुड़ शामिल होते हैं, जो अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।
कुछ लोकप्रिय मकर संक्रांति व्यंजनों में शामिल हैं:
- खिचड़ी: यह एक अनाज का व्यंजन है जिसमें आमतौर पर चावल, मूंग दाल, और तिल या घी होता है।
- पोंगल: यह एक दक्षिण भारतीय चावल का व्यंजन है जिसमें आमतौर पर चावल, मूंग दाल, और तिल या गुड़ होता है।
- उपमा: यह एक दक्षिण भारतीय इडली जैसा व्यंजन है जो आमतौर पर चावल के आटे और तिल से बनाया जाता है।
- गुड़ का हलवा: यह एक मीठा व्यंजन है जो आमतौर पर गुड़, दूध, और तिल से बनाया जाता है।
परिवारिक उत्सव
मकर संक्रांति परिवार और दोस्तों के साथ एक साथ आने का एक अवसर है। इस दिन, लोग अक्सर नए कपड़े पहनते हैं, एक-दूसरे को तिल और गुड़ का प्रसाद बांटते हैं, और पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं।
कुछ लोकप्रिय मकर संक्रांति परिवार के उत्सवों में शामिल हैं:
- सूर्य पूजा: इस दिन, लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं। वे सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं, फूल चढ़ाते हैं और प्रार्थना करते हैं।
- स्नान: इस दिन, लोग पवित्र नदियों या समुद्र में स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह स्नान उन्हें शुद्धता और नवीकरण प्रदान करता है।
- पतंगबाजी: यह एक लोकप्रिय मकर संक्रांति गतिविधि है जिसमें लोग रंगीन पतंग उड़ाते हैं।
मकर संक्रांति एक रंगीन और आनंदमय त्योहार है जो भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत को दर्शाता है। यह त्योहार परिवार और दोस्तों को एक साथ लाने और नए साल की शुरुआत करने का एक तरीका है।
मकर संक्रांति और राष्ट्रीय एकता
मकर संक्रांति भारत का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का जश्न मनाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन यह सभी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
मकर संक्रांति राष्ट्रीय एकता के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों से लोगों को एक साथ लाता है। इस दिन, लोग अक्सर नए कपड़े पहनते हैं, एक-दूसरे को तिल और गुड़ का प्रसाद बांटते हैं, और पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं। ये गतिविधियाँ लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और एकता की भावना विकसित करने में मदद करती हैं।
मकर संक्रांति राष्ट्रीय एकता के लिए निम्नलिखित तरीकों से योगदान करती है:
- यह त्योहार भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत को दर्शाता है। यह त्योहार विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों के लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें अपनी साझा विरासत का जश्न मनाने का अवसर देता है।
- यह त्योहार लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और एकता की भावना विकसित करने में मदद करता है। इस दिन, लोग अक्सर नए कपड़े पहनते हैं, एक-दूसरे को तिल और गुड़ का प्रसाद बांटते हैं, और पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं। ये गतिविधियाँ लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और एकता की भावना विकसित करने में मदद करती हैं।
- यह त्योहार लोगों को एक-दूसरे के बारे में जानने और समझने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन, लोग अक्सर विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों के लोगों से मिलते हैं। यह उन्हें एक-दूसरे के बारे में जानने और समझने का अवसर देता है।
मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों से लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें एकता की भावना विकसित करने में मदद करता है।
मकर संक्रांति और प्राकृतिक सौंदर्य
मकर संक्रांति भारत का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का जश्न मनाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन कुछ पारंपरिक गतिविधियाँ सभी जगहों पर आम हैं। इन गतिविधियों में से एक है प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना।
मकर संक्रांति आमतौर पर जनवरी या फरवरी में होती है, जो भारत में सर्दियों का मौसम होता है। इस समय, मौसम आमतौर पर ठंडा और शुष्क होता है। हालांकि, मकर संक्रांति का दिन अक्सर एक विशेष दिन होता है जब मौसम सुहावना होता है और सूर्य चमकता है।
इस दिन, लोग अक्सर पिकनिक पर जाते हैं या खुले में समय बिताते हैं। वे अक्सर नदियों या समुद्र तटों पर जाते हैं ताकि वे सूर्य को देखने और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकें।
मकर संक्रांति और प्राकृतिक सौंदर्य के बीच कुछ विशिष्ट संबंध निम्नलिखित हैं:
- सूर्य की पूजा: मकर संक्रांति के दिन, लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं। सूर्य देव को जीवन, प्रकाश और ऊर्जा का देवता माना जाता है। इस दिन सूर्य को देखने का अर्थ है नए जीवन और नए साल की शुरुआत का प्रतीक।
- नदियों और समुद्रों में स्नान: मकर संक्रांति के दिन, लोग अक्सर पवित्र नदियों या समुद्रों में स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह स्नान उन्हें शुद्धता और नवीकरण प्रदान करता है। इस दिन नदियों और समुद्रों में स्नान करने का अर्थ है प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना और नई शुरुआत करना।
- पतंगबाजी: मकर संक्रांति एक लोकप्रिय पतंगबाजी का त्योहार है। लोग रंगीन पतंग उड़ाते हैं और आकाश को रंगों से भर देते हैं। यह एक सुंदर दृश्य है जो प्राकृतिक सौंदर्य को प्रदर्शित करता है।
मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो प्राकृतिक सौंदर्य का जश्न मनाता है। यह त्योहार लोगों को प्राकृतिक दुनिया की सुंदरता का आनंद लेने और नई शुरुआत करने का अवसर देता है।
मकर संक्रांति का आधुनिक स्वरूप
मकर संक्रांति भारत का एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का जश्न मनाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन आधुनिक समय में, इस त्योहार में कुछ बदलाव हुए हैं।
धार्मिक स्वरूप
मकर संक्रांति का धार्मिक स्वरूप अपेक्षाकृत समान रहा है। लोग अभी भी सूर्य देव की पूजा करते हैं, तिल और गुड़ खाते हैं, और पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं। हालांकि, कुछ आधुनिक बदलाव हुए हैं। उदाहरण के लिए, कई लोग अब ऑनलाइन या टीवी पर सूर्य की पूजा देखते हैं।
सामाजिक स्वरूप
मकर संक्रांति का सामाजिक स्वरूप भी अपेक्षाकृत समान रहा है। लोग अभी भी परिवार और दोस्तों के साथ एक साथ आते हैं और त्योहार मनाते हैं। हालांकि, कुछ आधुनिक बदलाव हुए हैं। उदाहरण के लिए, कई लोग अब मकर संक्रांति के अवसर पर यात्रा करते हैं या पार्टी करते हैं।
आर्थिक स्वरूप
मकर संक्रांति का आर्थिक स्वरूप भी बदल गया है। इस त्योहार के दौरान, लोग नए कपड़े, गहने और अन्य उपहार खरीदते हैं। यह त्योहार देश के कई उद्योगों, जैसे कपड़ा, गहने और पर्यटन को बढ़ावा देता है।
मकर संक्रांति के कुछ आधुनिक रूप
मकर संक्रांति के आधुनिक रूपों में शामिल हैं:
- मकर संक्रांति महोत्सव: कई शहरों और कस्बों में मकर संक्रांति महोत्सव आयोजित किए जाते हैं। इन महोत्सवों में अक्सर संगीत, नृत्य, और अन्य कार्यक्रम होते हैं।
- मकर संक्रांति पतंगबाजी: मकर संक्रांति एक लोकप्रिय पतंगबाजी का त्योहार है। इस दिन, लोग रंगीन पतंग उड़ाते हैं और आकाश को रंगों से भर देते हैं।
- मकर संक्रांति ऑनलाइन: कई लोग अब ऑनलाइन या टीवी पर सूर्य की पूजा देखते हैं।
मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत का प्रतीक है। यह त्योहार परिवार और दोस्तों को एक साथ लाने और नए साल की शुरुआत करने का एक तरीका है। आधुनिक समय में, इस त्योहार में कुछ बदलाव हुए हैं, लेकिन इसका मूल स्वरूप अपेक्षाकृत समान रहा है।
मकर संक्रांति 2024 – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
कब है मकर संक्रांति 2024?
- हिंदू पंचांग के अनुसार: 15 जनवरी 2024, सोमवार (सूर्योदय के बाद)
- दृक् पंचांग के अनुसार: 14 जनवरी 2024, रविवार (दोपहर के बाद)
मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है?
- सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का जश्न मनाने के लिए, जो नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।
- सूर्य देव की पूजा और आराधना करने के लिए।
- परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशी साझा करने के लिए।
- प्रकृति के नवीनीकरण का स्वागत करने के लिए।
मकर संक्रांति पर क्या खास खाते हैं?
- तिल और गुड़ से बने व्यंजन, जैसे खिचड़ी, पोंगल, उपमा और गुड़ का हलवा।
- मीठे और नमकीन स्नैक्स, जैसे पकौड़े, मुरमुरे और तिलकुट।
- ताजे फल और सब्जियां।
मकर संक्रांति पर क्या करते हैं?
- सूर्य देव की पूजा, स्नान और तिल और गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं।
- पारंपरिक व्यंजन बनाएं और खाएं।
- परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं।
- पतंग उड़ाएं।
- अन्य उत्सव गतिविधियों, जैसे मेले और नाटकों में भाग लें।
क्या मकर संक्रांति पूरे भारत में एक ही दिन मनाई जाती है?
- अधिकांश भारत में, हां। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नामों से मनाया जाता है और तिथियों में थोड़ा बदलाव हो सकता है।
मुझे मकर संक्रांति के बारे में और अधिक जानकारी कहां मिल सकती है?
- ऑनलाइन संसाधनों, जैसे वेबसाइटों और ब्लॉगों पर।
- अपने परिवार और दोस्तों से बात करके।
- पंचांगों और धर्मग्रंथों का अध्ययन करके।
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