Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन 2024 क्या, कब, कैसे

Ayodhya Ram Mandir का उद्घाटन भारत के लिए एक ऐतिहासिक घटना है। यह हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। राम मंदिर हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इस मंदिर के निर्माण से हिंदू समाज में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। यह मंदिर देश भर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनेगा। अयोध्या राम मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह माना जाता है कि भगवान राम का जन्म इसी स्थान पर हुआ था। मंदिर के निर्माण के लिए लंबे समय से संघर्ष चल रहा था। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के निर्माण के लिए फैसला सुनाया। इसके बाद मंदिर निर्माण कार्य तेजी से शुरू हुआ। 2024 में मंदिर का निर्माण पूरा हो गया। इस मंदिर के उद्घाटन से हिंदू धर्म के लोगों में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। यह मंदिर देश भर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनेगा। कार्यक्रम के लिए व्यापक तैयारी की गई है। मंदिर के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की गई है। कार्यक्रम के लिए सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है। अयोध्या में भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, शहर में हवाई सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन और अन्य चैनलों पर किया जाएगा। इससे देश भर के लोग इस ऐतिहासिक घटना का साक्षी बन सकेंगे। कार्यक्रम में देश भर के प्रमुख संतों और धार्मिक नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है।

Ayodhya Ram Mandir के उद्घाटन कार्यक्रम का शेड्यूल

दिनांककार्यक्रम
15 जनवरीरामलला के विग्रह (रामलला के बालरूप की मूर्ति) को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।
16 जनवरीविग्रह के अधिवास का अनुष्ठान शुरू होगा, जो कि प्राण प्रतिष्ठा का पहला कार्यक्रम है।
17 जनवरीरामलला के विग्रह को नगर भ्रमण के लिए निकाला जाएगा।
18 जनवरीप्राण प्रतिष्ठा की विधि प्रारंभ होगी और यज्ञ अग्नि की स्थापना की जाएगी।
19 जनवरीगर्भगृह को 81 कलश सरयू जल से धोने के बाद वास्तु की पूजा होगी।
20 जनवरीगर्भगृह में शेष पूजन-अर्चन किया जाएगा।
21 जनवरीरामलला के विग्रह को गर्भगृह में स्थापित करने के लिए तैयार किया जाएगा।
22 जनवरीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त

अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा का अर्थ है मूर्ति में प्राण का समावेश करना। इस प्रक्रिया से मूर्ति को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति को देवता के रूप में पूजा जाता है।

अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त 22 जनवरी, 2024 को दोपहर 12:29 मिनट 8 सेकंड से 12:30 मिनट 32 सेकंड तक निर्धारित किया गया है। यह मुहूर्त केवल 84 सेकंड का है। इस समय के दौरान रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।

इस मुहूर्त को ज्योतिषाचार्यों द्वारा बेहद शुभ माना गया है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशियों में होंगे। इसके अलावा, इस दिन अभिजीत मुहूर्त भी है, जो किसी भी कार्य को करने के लिए सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है।

अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम

दिनांक: 22 जनवरी, 2024

स्थान: अयोध्या, उत्तर प्रदेश

समय: दोपहर 12:29 मिनट 8 सेकंड से 12:30 मिनट 32 सेकंड तक

कार्यक्रम

  • प्रारंभिक पूजन-अर्चन
  • रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में ले जाया जाएगा
  • रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा
  • रामलला की मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा
  • रामलला की मूर्ति का श्रृंगार किया जाएगा
  • रामलला की मूर्ति के सामने आरती की जाएगी

प्रारंभिक पूजन-अर्चन

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत प्रारंभिक पूजन-अर्चन से होगी। इस दौरान रामलला की मूर्ति को पवित्र जल से स्नान कराया जाएगा। इसके बाद मूर्ति को विशेष पूजन सामग्री से सुसज्जित किया जाएगा।

रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में ले जाया जाएगा

पूजन-अर्चन के बाद रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में ले जाया जाएगा। इस दौरान विधि-विधान के साथ मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।

रामलला की मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा

रामलला की मूर्ति को स्थापित करने के बाद उसका अभिषेक किया जाएगा। इस दौरान पवित्र नदियों के जल से मूर्ति को अभिषेक किया जाएगा।

रामलला की मूर्ति का श्रृंगार किया जाएगा

अभिषेक के बाद रामलला की मूर्ति का श्रृंगार किया जाएगा। इस दौरान मूर्ति को सुंदर वस्त्र और आभूषणों से सजाया जाएगा।

रामलला की मूर्ति के सामने आरती की जाएगी

अंतिम चरण में रामलला की मूर्ति के सामने आरती की जाएगी। इस आरती के साथ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का समापन होगा।

प्राण प्रतिष्ठा का महत्व

प्राण प्रतिष्ठा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। इस अनुष्ठान के माध्यम से मूर्ति को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति को देवता के रूप में पूजा जाता है।

अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक घटना है। यह हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन से राम मंदिर देश भर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बन जाएगा।

प्राण प्रतिष्ठा का महत्व

प्राण प्रतिष्ठा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। इस अनुष्ठान के माध्यम से मूर्ति को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति को देवता के रूप में पूजा जाता है।

प्राण प्रतिष्ठा का महत्व निम्नलिखित है:

  • मूर्ति को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करना: प्राण प्रतिष्ठा के माध्यम से मूर्ति में देवत्व का समावेश किया जाता है। इससे मूर्ति को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
  • मूर्ति को देवता के रूप में पूजा के योग्य बनाना: प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति को देवता के रूप में पूजा जाता है। इससे श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है।
  • मूर्ति को तीर्थ स्थल बनाने में सहायता करना: प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति को एक तीर्थ स्थल के रूप में मान्यता मिलती है। इससे श्रद्धालुओं के लिए पूजा-अर्चना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान उपलब्ध होता है।

अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक घटना है। यह हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन से राम मंदिर देश भर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बन जाएगा।

प्राण प्रतिष्ठा के दौरान निम्नलिखित धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं:

  • मूर्ति का पवित्र जल से स्नान: प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मूर्ति को पवित्र जल से स्नान कराया जाता है। इससे मूर्ति को शुद्ध किया जाता है।
  • मूर्ति का अभिषेक: प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मूर्ति का अभिषेक किया जाता है। इससे मूर्ति को पवित्र और शक्तिशाली बनाया जाता है।
  • मूर्ति का श्रृंगार: प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मूर्ति का श्रृंगार किया जाता है। इससे मूर्ति को सुंदर और आकर्षक बनाया जाता है।
  • मूर्ति के सामने आरती: प्राण प्रतिष्ठा के अंत में मूर्ति के सामने आरती की जाती है। इससे मूर्ति को सम्मानित किया जाता है।

प्राण प्रतिष्ठा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। यह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।


अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

राम मंदिर का उद्घाटन कब हो रहा है?

राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को होगा।

मुख्य समारोह क्या होगा?

मुख्य समारोह रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा है। यह अनुष्ठान 22 जनवरी की दोपहर 12:29 मिनट 8 सेकंड से 12:30 मिनट 32 सेकंड तक होगा।

प्राण प्रतिष्ठा का क्या महत्व है?

प्राण प्रतिष्ठा एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसके जरिए मूर्ति में प्राण का संचार किया जाता है। इससे मूर्ति को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है और इसे देवता के रूप में पूजा जाता है।

राम मंदिर कार्यक्रम का आयोजन कौन कर रहा है?

कार्यक्रम का आयोजन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कर रहा है।

मुख्य अतिथि कौन होगा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।

क्या कार्यक्रम में आम लोगों को भी शामिल होने का मौका मिलेगा?

कार्यक्रम सीमित मेहमानों के लिए आयोजित किया जाएगा। हालांकि, इसे दूरदर्शन और अन्य चैनलों पर लाइव दिखाया जाएगा ताकि लोग इसे घर बैठे देख सकें।

कार्यक्रम के लिए सुरक्षा व्यवस्था कैसी होगी?

कार्यक्रम के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अयोध्या में भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात किए जाएंगे।

मैं समारोह के बारे में और जानकारी कहां से प्राप्त कर सकता हूं?

अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://online.srjbtkshetra.org/ या सरकारी सूचना चैनलों का अनुसरण करें।

क्या राम मंदिर का उद्घाटन सिर्फ हिंदुओं के लिए है?

नहीं, सभी धर्मों के लोगों का मंदिर में स्वागत है। हालांकि, मंदिर के नियमों का पालन करना सभी के लिए आवश्यक होगा।

मैं अयोध्या कैसे पहुंच सकता हूं?

अयोध्या हवाई, रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप अपनी सुविधा के अनुसार अपनी यात्रा की योजना बना सकते हैं।

क्या अयोध्या में रहने की व्यवस्था करनी मुश्किल होगी?

2024 में उद्घाटन के दौरान आवास चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अग्रिम बुकिंग कराने की सलाह दी जाती है या मंदिर के आस-पास के अन्य शहरों में आवास विकल्प तलाश सकते हैं।

क्या उद्घाटन समारोह के दौरान अयोध्या में भीड़भाड़ होगी?

हां, समारोह के दौरान अयोध्या में भारी भीड़भाड़ होने की उम्मीद है। यात्रा की योजना बनाते समय इस बात का ध्यान रखें।

समापन

अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन भारत के लिए एक ऐतिहासिक घटना है। यह हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। राम मंदिर हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इस मंदिर के निर्माण से हिंदू समाज में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। यह मंदिर देश भर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनेगा।

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